अंजनीसैंण में जन समर्थन हासिल करती उजपा

टिहरी।, उत्तराखंड जन एकता पार्टी का आज अंजनीसैंण में जनता मिलन कार्यक्रम रहा। कार्यक्रम में पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश धनै के नेतृत्व में 200 ग्रामीणों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। अंजनीसैंण में दिनेश धनै की बेवाक कार्यशैली से प्रभावित हुए लोगों ने जनता मिलन कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भागीदारी की। जिसमें 200 से अधिक लोगों ने उत्तराखंड जनएकता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर पार्टी के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की। इस मौके पर महिला जिलाध्यक्ष रागिनी भटृ ने जनता से अपने विचार साझा किए और कहा कि राष्ट्रीय पार्टियों ने जनता के विश्वास पर कुठाराघात करने का काम किया है। आज जब धरातल पर काम नहीं हो रहें हैं तो वही जनता जिसने उम्मीद के साथ अपना जन समर्थन किया जरुर मगर जब उनका जनप्रतिनिधि उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो वे अब खुद को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। आज सिवाय लीपापोती के कोई भी काम जनहित का नजर नहीं आ रहा है। क्षेत्रीय विकास गौण नजर आ रहा। वे कहती हैं कि राष्ट्रीय पार्टियों की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। 35 साल भाजपा में एक कार्यकर्ता हैसियत से काम करती रही लेकिन जब वे क्षेत्र पंचायत चुनाव में प्रमुख की दावेदारी अपने पिछले अनुभवों के साथ पेश करती हैं तो उन्हें उनकी 35 सालों तक भाजपा के लिए किए गए समर्पण के एवज में उनके पंचायत के पूर्व के अनुभवों को दरकिनार कर हासिए पर धकेलने का काम किया जाता है। ऐसे में कैसे कोई राष्ट्रीय पार्टियों की विश्वसनीयता पर शक न करे? आज सबके पास विकल्प के रुप में एक अनुभवी व्यक्ति है जिन्होंने टिहरी की जनता के जन समर्थन से पूर्ववर्ती सरकार में बतौर काबीना मंत्री चहुंमुखी विकास करने का काम किया। जिसे लोग आज भी याद करते हैं और अगर जनता का आशीर्वाद ऐसे ही मिलता रहा तो उत्तराखण्ड जन एकता पार्टी ही एकमात्र विकल्प के रुप में उभर कर आएगी। वे कहती हैं कि राष्ट्रीय पार्टियों में कैसे उपेक्षा की जाती है उसका जीता-जागता प्रमाण वे खुद हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भाजपा जब अपने एक 35 साल पुराने कार्यकर्ता जिसके पास जिला पंचायत में कार्य करने का अनुभव रहा हो और जब वह अपनी पार्टी से पंचायत के अनुभवों को साझा करता हो तब उसे दरकिनार किया जाता है। इस बात को शायद उनसे बेहतर कोई समझ सकता हो। तो उम्मीद की जा सकती है कि आम कार्यकर्ता का क्या हस्र होता होगा। इसीलिए अब वक्त बदलाव का है। रिमोट सिस्टम का जबाव क्षेत्रीय पार्टी के रुप में देने की जरुरत है। उजपा ही एकमात्र विकल्प है जिसे घर-घर तक पहुंचाना है और इस बार उजपा को ही लाना है। यही एक ऐसा क्षेत्रीय दल है जो पहाड़ में रहकर पहाड़ियत की बात करता है जिसका केंद्रीय कार्यालय ही प्रदेश की अस्थायी राजधानी से कई किलोमीटर दूर देहरादून में न होकर पहाड़ के टिहरी जनपद मुख्यालय स्थित नई टिहरी में है। जिसका केंद्रीय अध्यक्ष बात को आसानी सुन से सकता है। जो दिल्ली के रिमोट के बजाय उत्तराखंड के पहाड़ से अपनों के द्वारा संचालित होता हो भला ऐसी अनोखी विशेषता राष्ट्रीय दलों में हो सकती है। वहां पर बगैर दिल्ली के एक पत्ता भी नहीं हिलता तो प्रदेश चलाना तो दूर की बात है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय दलों में जो आकाओं की परिक्रमा करे वही आगे बढ़ते हैं। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि क्षेत्र के विकास के लिए क्षेत्रीय दल उजपा को मजबूत करना है। जिलाध्यक्ष संजय मैठाणी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए कि क्यों आज टिहरी विधानसभा वासियों का राष्ट्रीय दलों से मोह भंग हो गया है। क्या कभी किसी ने ये जानने की कोशिश की? नतीजतन टिहरी विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस छोड़ हरेक व्यक्ति उत्तराखंड जन एकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष  दिनेश धनै की विचार धारा से प्रभावित होकर उजपा में शामिल हो रहा हैं। इसकी कोई न कोई वजह ही होगी। मैठाणी ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज टिहरी विधान सभा के जन प्रतिनिधि की कार्यशैली का लोग दिनेश धनै से तुलना कर रहे हैं और पाते हैं कि तत्कालीन काबीना मंत्री रहते हुए जो विकास कार्य किए उन्होंने किए उन्हें ही लीपापोती का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आज राजनीति जनता की नहीं बल्कि अपने-पराए की किए जाने लगी है। आज वे व्यक्ति बेरोजगारों की तरह दर दर भटकने को मजबूर है जिन्हें बकौल मंत्री रहते हुए रोजगार सृजन का काम किया गया था। अब इसे राजनीतिक संकीर्णता नहीं तो क्या नाम दिया जा सकता है। भला एक प्रतिनिधि किसी व्यक्ति विशेष का हो सकता है वह भी तब जब वह जन समर्थन हासिल कर जनता का प्रतिनिधित्व कर रहा हो। वर्तमान प्रतिनिधि कुछ ऐसा ही कार्य अपनी संस्था के माध्यम से कर रहे हैं। बाहरी ब्यक्तियों को रोजगार दे रहें है और स्थानीय जो पहले से ही रोजगार सृजित थे उन्हें बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। अंत में केंद्रीय अध्यक्ष धनै ने जनता मिलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद उत्तराखंड के लोगों को राष्ट्रीय पार्टियों ने छलने का काम किया। पिछले बीस सालों में खासकर टिहरी विधानसभा में 15 साल राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं ने क्षेत्र के विकास के नाम पर जनता को गुमराह करने का काम किया। इस बीच पांच साल उन्हें भी टिहरी विधानसभा की जनता ने आर्शीवाद दिया और उनकी कोशिश रही कि जनता की उम्मीदों पर खरे उतरें मगर जो विकास कार्य उन्होंने अपने कार्यकाल में किया वह आज भी जनता के सामने है। उसके बखान की आवश्यकता नहीं है पर इतना जरुर है इन पांच साल के कार्यकाल में जो कसर रह गई उसे वे आगामी पांच वर्षों में पूरा करने को प्रयासरत रहेंगे बशर्ते जनता जनार्दन का आशीर्वाद उनके साथ रहे। जो काम वे कर गए थे वे आज तक जस के तस पड़े हुए हैं। उन्होंने कोशियारताल पंपिंग योजना का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी जाखणीधार विकास खंड के ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। वर्तमान प्रतिनिधि सिर्फ प्रधान के कार्यों को अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। पार्टी में शामिल होने वलों में से प्रधान रीता नौटियाल, मोशिना, रविंद्र सेमवाल, पूर्व प्रधान जोत सिंह पनाई, मकान सिह गुसांई, प्रेम सिहं रावत, टी के बिजल्वाण, असद अली, ईशाक अहमद, यशपाल पंवार, केंद्रीय उपाध्यक्ष गोविंद बिष्ट, केंद्रीय कोषाध्यक्ष कर्म सिंह तोपवाल, नारायण सिंह राणा, भूपेन्द्र रावत, केन्द्रीय मीडिया प्रभारी प्रताप गुसांई, ब्लाक अध्यक्ष धर्म सिंह गुनसोला, रुप सिंह नेगी आदि शामिल रहे।