बात अगर निकली है तो दूर तलक पहुंचेगी जरुर

देहरादून।, आखिर इशारा किस ओर...... भाजपा में लंबे अर्से से जमीनी कार्यकर्ता सोशल मीडिया में जब कुछ पोस्ट लिख भेज रहा हो तो इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कुछ तो चल रहा है बेवजह कैसे कोई इस बात को उठाने की जहमत कर सकता है अगर वाकई में सब तरफ जीरो टाॅलरेंस है तो फिर खुद पार्टी का ही समर्पित कार्यकर्ता जो कि भाजपा के निचले पायदान से उठकर प्रदेश की अस्थाई राजधानी देहरादून जिले में  भाजपा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और वे अपनी बात को ये कहकर रखते हैं कि "घोर कलयुग आ गया है विगत 30 वर्षों से पार्टी को अपनी कड़ी मेहनत से आगे बढाने वाले कार्यकर्ताओं को समझाने व बरगलाने की जिम्मेदारी तनख्वाह पाने वालों पर छोड़ी गई है।" अब जब वे अपनी बात को सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर सार्वजनिक करते हैं तो इसके मायने निकाले जा सकते हैं कि कार्यकर्ता कहीं न कहीं महफूज नहीं है वह भी तब जब भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, जिला महामंत्री, मंडल अध्यक्ष पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में बीसूका के उपाध्यक्ष दर्जाधारी रह चुके जितेेंद्र नेगी अगर अपनी बात को सार्वजनिक प्लेट फार्म पर रख रहे हों। तो कहीं न कहीं दाल में कुछ काला यानी अंदर ही अंदर कुछ द्वंद्व तो चल रहा है बिना आग के शायद ही धुंआ निकलते हुए दिखाई दे। ठीक ऐसे ही विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाला कार्यकर्ता इतनी हल्की बात वह भी सोशल मीडिया जैसे प्लेट फार्म पर भूल के भी नहीं लिख सकता है 2022 अब नजदीक है शायद उसी का असर ये दिखाई दे रहा हो कि कार्यकर्ताओं को मैनेज करो वह भी जमीनी कार्यकर्ताओं पर तो पकड़ बनाए बिना 2022 फतह नहीं होने वाला। कहीं ये सब उसी ओर इशारा तो नहीं करता। मगर कोई भी संगठन ऐन चुनाव से पहले नये प्रयोग करता जरुर है मगर तनख्वाह पाने वाले कब से ऐसी बागडोर संभालने लगे ये समझ से परे है अगर सब कुछ तनख्वाह पाने वालों के जिम्मे छोड़ दिया तो फिर इतने बड़े संगठन जिसने विश्व में कार्यकर्ताओं में इतना इजाफा किया है कि वे प्रदेश दर प्रदेश फतह कर रहे हैं कहीं न कहीं इसके पीछे कार्यकर्ताओं की मेहनत ही है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। किसी भी पार्टी की नींव उसका जमीनी कार्यकर्ता होता है अगर वह ही ऐसी बात को तूल देने लगे तो पार्टी को जरुर इसका संज्ञान लेना चाहिए और जमीनी कार्यकर्ताओं जो 30 साल पार्टी में देकर अभी भी समर्पित भाव से पार्टी के लिए कार्य कर रहे हों खासकर उन्हें तरजीह देना जरुरी है। ये बात मैं नहीं बल्कि पार्टी का एक वरिष्ठतम कार्यकर्ता अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिख रहे हैं जिसके मायने निकलना लाजिमी है। अब बात लिखने वाले भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्र, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र और देश की बागडोर संभाले हैं नरेंद्र। अब इस पर भाजपा कितना कान धरती है ये उसका निजी मामला है पर बात अगर निकली है तो दूर तलक जरुर पहुंचेगी।