देहरादून। उत्तराखंड में राजनीति कब किस करवट ले जाय कुछ कहा नहीं जा सकता। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़े मां गंगा की अविरलता को लेकर मुखरता से आवाज उठाई थी नतीजतन सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए मुद्दे को भुनाने से पहले ही उसका संज्ञान लेकर निराकरण कर डाला। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में अखाड़ा परिषद के साथ हरिद्वार कुंभ 2021 की तैयारियों की बैठक से पूर्व कहा कि हर की पैड़ी को स्कैप चैनल से मुक्त रखा जायेगा। हर की पैड़ी को अविरल गंगा का दर्जा बरकरार रखा जायेगा। इसके लिए जल्द नया शासनादेश जारी किया जायेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लंबे समय से गंगा सभा एवं जनता द्वारा हरकी पैड़ी क्षेत्र को स्कैप चैनल से मुक्त रखने की मांग करते आई है। भाजपा ने खुद का पल्ला झाड़ सारी बलाएं कांग्रेस के मत्थे मढ़ दी और कहा कि उनके ही कार्यकाल में मां गंगा को स्कैप चैनल घोषित किए गया था जिनके फैसले को भाजपा निरस्त करने जा रही है। यह क्षेत्र आस्था एवं विश्वास का प्रतीक भी है। जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
- आप के प्रदेश प्रवक्ता डॉ0 राकेश काला कहते हैं मां गंगा को नहर बताने वाले अध्यादेश पर भाजपा और कांग्रेस में लंबे समय तक सियासत चलती रही। आप ही एक ऐसी पार्टी है जिसने सरकार को फैसले पलटने को विवश किया। सरकार ने परिणाम की प्रतीक्षा किए बिना मां गंगा की अविरलता पर उठने वाले सवालों पर विराम लगा दिया जिससे साबित हो चुका है अगर उत्तराखंड में सत्ताधारी दल का वाकई में कोई प्रतिद्वंद्वी है तो वह आप है। क्योंकि भाजपा-कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जो अब तक इस बात की गंभीरता को जाने बगैर एक दूसरे पर दोषारोपण कर मां गंगा की अविरलता के साथ ही करोड़ों हिंदुओं की आस्था के साथ खेलते रहे। अगर आप मुखरता से इस बात को न उठाती तो शायद आध्यात्मिक नगरी की आस्था के साथ ऐसे ही खेल खेला जाता जैसे राजधानी गैरसैंण को लेकर 20 सालों से दोनों ही पार्टियां श्रेय लेना नहीं भूलती जबकि गैरसैंण आज भी गैर ही है महज खानापूर्ति भर भाजपा ने ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की। जबसे आप ने प्रदेश की राजनीति में हस्तक्षेप करने की कोशिश की तभी से सरकार को इस बात का आभास हो गया है कि आप मुद्दे की राजनीति करती है। जबकि कांग्रेसी मित्र विपक्ष के धर्म का निर्वहन करते हैं। आप राज्य में हो रही बंदरबांट को किसी सूरत में चलने नहीं देगा। एक छोटे से पहाड़ी प्रदेश के लिए क्या दो विधानसभा भवन हितकर हैं लेकिन राष्ट्रीय पार्टियां भाजपा-कांग्रेस न जाने किस दृष्टि कोण से इस अदने से प्रदेश पर काम कर रहीं हैं। यहां की भौगोलिक विषमताओं को जानते हुए भी उन्हें व्यवस्थित करने के बजाय बिखेरने का काम किया जा रहा है। आए दिन सोशल मीडिया इस बात की तस्दीक देता है कि फला जगह रोड़ बनी लेकिन बनने से पहले उखड़ गई। आखिर हम संदेश क्या देना चाह रहे हैं। पहाड़ियत के विकास के नाम पर प्रदेश में कब तक सरकारी धन का दुरुपयोग चलते रहेगा। आखिरकार आम आदमी पार्टी की आवाज से करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़े सवाल पर सरकार को झुकना पड़ा और हरिद्वार में स्कैप चैनल के आदेश को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निरस्त कर ही दिया। आप नेे इस मुुद्दे को करोड़ों हिंदुओंं की आस्था की जीत बताते हुए कहा इस आदेश के बाद गंगा को अपना पुराना अस्तित्व एक बार फिर से मिल जाएगा और ये जीत आम आदमी की जीत है। यह जीत हर उस हिंदुओं की आस्था की जीत है जो मां गंगा पर अपनी आस्था रखते हुए हरकी पैड़ी तक पहुंचते हैं।
डॉक्टर राकेश काला ने आगे कहा साल 2016 में हरीश रावत सरकार ने जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए और कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए गंगा को स्कैप चैनल का दर्जा दिया था। उसके बाद मौजूदा भाजपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सरकार में आने पर इसके नाम को 24 घंटे में बदलने का वादा किया था लेकिन इन 4 सालों में भी भाजपा ने गंगा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। आम आदमी पार्टी ने जन भावनाओं का ख्याल रखते हुए मां गंगा के अस्तित्व के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं पर मुकदमे भी दर्ज हैं लेकिन आप मां गंगा के आस्तित्व को लेकर लगातार सड़कों पर रही। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया और प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर को इस लड़ाई लड़ने से रोकने के लिए नोटिस तक भेजा गया। जिसका आम आदमी पार्टी ने दिल्ली समेत पूरे उत्तराखंड में कड़ा विरोध भी किया था। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर जगह जगह मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं आखिर कार आम आदमी पार्टी मां गंगा के सम्मान और करोड़ों हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ रोकने से पीछे नहीं हटी। सरकार को मजबूरन पीछे हटते हुए पुराना आदेश निरस्त करना पड़ा। वहीं आप प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर राकेश काला ने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूर्व सीएम हरीश रावत ने यह पाप किया था और उन्हें बजाय श्रेय लेने के इस बात को लेकर प्रायश्चित करना चाहिए। वे आज इस मुद्दे पर राजनीति कर बेवजह क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार द्वारा आस्था से जुड़े मुद्दे को गंभीरता से लेना बताता है कि आप हीी भाजपा असल प्रतिद्वंद्वी पार्टी है। आप सरकार के फैसले से हुुई जीत का श्रेय आम आदमी समेत करोड़ों आस्थावान हिंदुओं को देती है।