कौन रखेगा ईगास के महत्व को बरकरार

देहरादून।, उत्तराखंड के पारंपरिक त्यौहार ईगास बग्वाल को लेकर आम आदमी पार्टी ने पूरे प्रदेश में पहाड़ों पर ईगास मनाने का निर्णय लिया है। जिसमें कल आप कार्यकर्ता अपने घरों के साथ उन घरों में भी दिए जलाएंगे जहां पलायन के चलते सब खंडहर हो गए और एहसास दिलाने की कोशिश करेंगे कि हर घर दिया जले ताकि हमारे त्यौहार और परंपरा विलुप्त ना हो। इसी के चलते आज आप प्रवक्ता डॉक्टर राकेश काला ने एक बयान जारी करते हुए कहा, पूरे प्रदेश में जब से पलायन हुआ है तब से उत्तराखंड की सांंस्कृति महत्व के पर्व और उत्तराखंडियत लगभग विलुुप्त के कगार पर आ गए हैं  पहाड़ों में दीपावाली के 11 दिन बाद मनाई जाने वाली दीवाली जिसे बूढ़ी दीवाली या ईगास बग्वाल कहते हैं इसे एक समय पहाड़ों पर बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता था लेकिन पिछले 20 सालों में नीति नियंताओं केे पहाड़ केे प्रति उदासीन रवैैयेे ने पलायन करने को मजबूूर किया जिससे हमारे सांस्कृतिक महत्व केे त्यौहार शहरी भागदौड़ में विलुप्ति की कगार पर पहुंच गए। इस पीड़ा को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने निर्णय लिया कि वे "हर घर दीप जले " अभियान को लेकर इस ईगास के पर्व पर पहाड़ों में वीरान पड़े घरों में दिए जलाएंगे। और तय किया कि अगली ईगास तक वे पहाड़ फिर से रोशनी से जगमगा सकें।



  • आप प्रवक्ता डॉ0 आर काला कहते कि उनकी पार्टी का लक्ष्य है कि 2021 में मनाए जाने वाली ईगास बग्वाल में पहाड़ों के हर घर में दिया जले। उत्तराखंडियों के पर्वतीय अंचलों में मनाएं जाने वाले इस त्यौहार की महत्ता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार से सार्वजनिक छुट्टी की मांग की।

  •  वे कहते हैं खंडहर होते मकान ये बताने के लिए काफी हैंं कि कैसे हम अपने पुरखों से जुड़ी परंपराओं से दूर होते चले गए हैं और हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या संदेश देना चाह रहें हैंं? पिछले 20 वर्षों से सरकारों केे सरोकारों सेे थके हारेे उत्तराखंडी रोजी-रोटी केे लिए शहरों की तरफ भागनेे लगे और अपने बच्चों केे सुनहरेे भविष्य की आस लिए 50/100 गज के मकानों में सिमट कर रह गए। कहीं न कहीं पहाड़ियत से मजबूरन दूर होते गए अगर वाकई में सरकारें पहाड़ों में रोजगार के अवसर पैदा करती ना तो लोग अपनी परंपराओं से ही दूर होते और ना ही पहाड़ से दूर होते। रिवर्स पलायन के लिए ईगास जैसे पारंपरिक त्यौहार मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। बशर्ते सरकारें पहाड़ की पहाड़ियत को बचाने के प्रयास करें। 


इसके अलावा आप प्रवक्ता डॉक्टर राकेश काला ने पूरे उत्तराखंड वासियों को ईगास की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री से अपील की, कि अगर उत्तराखंडियत यानी कि सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखना है तो हमारेे पारंपरिक त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की जाए ताकि लोग पहाड़ में अपने वीरान पड़े आशियानों में फिर से रोशनी कर सकें और पुरखों के बनाए सांस्कृतिक महत्व के पर्व ईगास की महत्ता बरकरार रख सकें।


बताते चलें कि ईगास यानि बूढ़ दीपावली जिसे पहले उत्तराखंडवासी बड़े हर्ष्षोलास के साथ मनाते थेेे लेकिन  पिछले 20 सालों सेे प्रदेश की बागडोर संभालने वाली सत्ता धारी पार्टियों ने जिस तरह से राज्य में नीतियां बनाई उस से पलायन बढ़ता गया और वक्त की तेज रफ्तार सेे गांव वीरान होकर खंडहर में तब्दील होते गए। खंडहर होते मकान ये बताने के लिए काफी हैंं कैसे हम अपने पुरखों से जुड़ी परंपराओं से दूर होते चले गए हैं और हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या संदेश देना चाह रहें हैंं। पिछले 20वर्षों से सरकारों केे सरोकारों सेे थके हारेे उत्तराखंडी रोजी रोटी केे लिए शहरों की तरफ भागनेे लगे। और अपने बच्चों केे सुनहरेे भविष्य की आस केे लिए 50/100 गज के मकानों में सिमट कर रह गए। कहीं न कहीं पहाड़ियत से मजबूरन दूर होते गए अगर वाकई में सरकारें पहाड़ों में रोजगार के अवसर पैदा करते तो न तो लोग अपनी परंपराओं से ही दूर होते और ना ही पहाड़ से दूर होते। फिर भी पहाड़ केे लोगों  नेे पहााड़िय को जिंदा रखने के लिए अपने क्षेत्रीय अलग अलग नामों से संगठन बनाए हैं जिनमें समूचा पहाड़ बसा हुआ है और अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए समय समय पर इन त्यौहारों को हर्ष्षोलास के साथ मनाया जाता है। इसीलिए इस ईगास पर आम आदमी पार्टी पूरे उत्तराखंड वासियों से आह्वान करती है कि आप सभी लोग एक पहल करें, "हर घर दीप जले" को लेकर इस बार, एक दिया जरुर जलाएं और इस त्यौहार को अपने पैैतृक घर पहाड़ों में मनाएं। ईगास के बहाने  वीरान पड़े उन घरों की भी सुध लें जिनसे हमारी परंपराएं कायम हैं। उन घरों को दिए से रोशन कर उन पुरखों की बसागत को भी याद करें जिन्होंने परंपराओं को जीवित रख हमें संस्कारित किया ताकि उत्तराखंड की इस पावन धरती पर हमारे तीज, त्यौहार, परंपराओं की रौनक फिर से लौट सके। इसी अभियान के चलते हमारा लक्ष्य होगा अगली ईगास पर पहाड़ों के सभी गांवों में लगभग सभी घरों में दिए जले जिसकी शुरुआत आप कार्यकर्ता इस ईगास पर करेंगे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी एक बार फिर सरकार से मांग करती हैं कि इस ईगास से राजकीय अवकाश की शुरुआत करें ताकि गांव के हरेक घर में उजाला जले और विलुुप्त होती फिर से परंपराएं कायम रह सकें।