देहरादून।, खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह 'चैंपियन' का एक जनप्रतिनिधि होते हुए विवादों से चोली दामन का साथ रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक आॅडियो जिसमें वे अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए एक बार फिर से सुने जा सकते हैं। आॅडियो में वे लक्सर महाविद्यालय में धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं की मांग पूरी होने पर उसका श्रेय खुद लेते हुए शायद एबीवीपी के किसी छात्र नेता पर रौब गांठते सुने जा सकते हैं गाली गलौच का जो स्तर है एक जनप्रतिनिधि के मुंह से शायद ही ऐसे शब्द शोभा देते हों। आप प्रवक्ता डॉक्टर राकेश काला ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर ,चैंपियन को आड़े हाथों लेते हुए कहा, विधायक चैंपियन अपनी हरकतों सेे बाज नहीं आने वाले हैं। गालियां देना, बंदूकें लहराना, धमकाना उनका शगल रहा हैै शायद इसे वेे खुद की शान समझते हैं। उत्तराखंड को गाली देकर वे उत्तराखंडियोंं को तो अपमानित कर चुके हैं तब मामले को तूल पकड़ता देख भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया था लेेकिन महज तेरह महीनेे बीतने उपरांत में भाजपा ने उन्हें फिर से गले लगा लिया आखिर भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी हो सकती है कि विश्व की सबसे बड़ी और अनुशासित पार्टी होने के बाद ऐसे अनुशासनहीन विधायक जो उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तराखंडियत का अपमान कर एक बार फिर से सांसद तक को ताक पर रख महज श्रेय लेने की होड़ में अमर्यादित भाषा का आचरण कर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा हैंं और भाजपा उनके इस आचरण से भली भांति वाकिब होने के बावजूद उन्हें बार-बार गले लगा रही है। ऐसा कर भाजपा ने उत्तराखंड की जनता का अपमान किया है और चैंपियन ने भी बड़ेे नाटकीय अंदाज में उत्तराखंडियोंं से माफी का ढोंग रचते हुए खुद की दादी का हवाला देते हुए पहाड़ से नाता निकाल एक खून में ही उत्तराखंडी होने की बात कहकर सबका दिल जीतने की कोशिश की लेकिन कुछ ही वक्त गुजरने उपरांत उन्होंने अपने तेवर दिखाने शुरु कर दिए। सोशल मीडिया में सामने आया उनका एक ऑडियो दर्शाता है कि ये चैंपियन के शौक में शुमार है अगर वाकई में किसी को सुुधरने की जरुरत है तो जिसे वे धमका रहें है उसे ही सुुधारना पड़ेगा लेकिन ऐसा आप होने नहीं देगी आप उनके इस कृत्य की कड़ी भर्त्सना करती है।
चैंपियन की जनता के प्रति सम्मान और हनक का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अगर दो हफ्ते से महाविद्यालय में किसी मांग को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता बैठे थे और उनकी उस मांग को उच्च शिक्षा मंत्री ने मान लिया हो तो इसमें श्रेय की बात कहाँ तक हितकर है वह भी जनहित के कार्यों को लेकर, क्या ये जनप्रतिनिधि का उत्तर दायित्व नहीं कि वह जनता के कार्यों को प्राथमिकता दे। इसीलिए तो जनप्रतिनिधि बनाए जाते हैं। जिसके बाद बौखलाहट में वे खुद उसका श्रेय लेने के लिए,धरने पर बैठे एबीवीपी कार्यकर्ताओं को फोन पर गाली-गालौच और धमकाने पर उतर आए। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता डाॅ0 आर काला कहते हैं कि ,हम ऐसे विधायक जो उत्तराखंड को गाली देता हो उत्तराखंड की जनता को धमकाता है उसको किसी भी हालात में बर्दाश्त नहीं करेंगे। आप का इस मामले में साफ तौर पर कहना है कि वे ऐसे जनप्रतिनिधि जो युवाओं को आगे बढ़ाने के बजाय उनके कार्यों में भी श्रेय की मंशा जाहिर करता हो उसे जनता में बने रहने का बिल्कुल भी अधिकार नहीं है। भाजपा को चाहिए कि नैतिकता के आधार पर युवाओं को धमकाने वाले जनप्रतिनिधि को उनके इस कृत्य के लिए तत्काल निष्कासित कर देना चाहिए। अगर भाजपा उनसे राजनैतिक लाभ की उम्मीद को रखते हुए ऐसे ही प्रदेश की जनता के मान सम्मान से खेलने की इजाजत देती रही तो आप किसी भी हालात में उत्तराखंड की जनभावनाओं के साथ खेलने वाले ऐसे खेल को ज्यादा लंबा नहीं चलने देगी। आम आदमी पार्टी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से मांग करती है कि वे सत्ता की हनक के आगेे ऐसे अमर्यादित आचरण करने वाले जनप्रतिनिधि को सोशल मीडिया में जारी वायरल आॅडियो का संज्ञान लेकर तत्काल निष्कासित करे। आखिर अनुशासन के पाठ के आगे कब तक आमजन को ऐसेे ही हांका जाता रहेगा। ऐसे जनप्रतिनिधि को किसी भी पार्टी में प्रतिनिधित्व करने का हक नहीं है। अगर भाजपा संगठन चैंपियन के इस कृत्य के बाद भी कोई कठोर कार्रवाई नहीं करती है तो आप कार्यकर्ता समूचे उत्तराखंड में अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली पार्टी के ऐसे विवादित जनप्रतिनिधि के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी। आप भाजपा के दोहरे चरित्र से उत्तराखंड को बचाने के लिए प्रदेश भर में सड़कों पर उतरेगी। आप किसी भी हालात में राज्य और राज्य के लोगों को गाली देने वाले किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेगी तब चाहे वह कोई भी क्यों न हो?