देहरादून। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के छात्रों का बढ़ती हुई बेरोजगारी को लेकर सचिवालय कूच कार्यक्रम पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहते हैं कि नौजवानों को इस तरह के जन मुद्दों को लेकर संवेदनशील होने पर उन्हें बहुत अच्छा लगा। वे उनसे इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए कहते हैं। उन्होंने पूर्व में एक घोषणा की कि वे 17 अक्टूबर, 2020 को हरिद्वार में प्रातः 11:15 बजे 9 लोगों के साथ सिडकुल परिक्रमा प्रारंभ करेंगे। उनकी परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य भी राज्य में बढ़ती हुई बेरोजगारी और बेरोजगारों की उपेक्षा के प्रमुख विषय को लेकर रहेगा। वे कहते हैं कि सिडकुल क्षेत्र में अधिकांश उद्योगों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं, उन पदों पर स्थानीय लोगों का अधिकार है। जो उन्हें मिलना चाहिए। स्थानीय नौजवानों की बेरोजगारी को नौकरी में तब्दील हो इस उद्देश्य के साथ वे परिक्रमा करेंगे। इस परिक्रमा यात्रा के जरिये वे सरकार पर दबाव बनाना चाह रहे हैं ताकि सरकार यहां स्थापित उद्योगों के साथ एक MOU करे और उस MOU के माध्यम से यहां के रिक्त पड़े हुए पद नौजवानों के लिये संरक्षित हो सके। इस परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य सिडकुल क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों में कार्यरत मजदूरों व कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ा दिये गये हैं और वेतन घटा दिया गया है जो कि सिवाय शोषण के कुछ भी नहीं है। कैसे कोई किसी के साथ ऐसा अमानवीय शोषण कर सकता है वह भी सरकारों के होते हुए। यौहार का सीजन आ रहा है कर्मचारियों का शोषण कर खुद उद्योग मुनाफा कमाए क्या ये हितकर है? जबकि अब तो उन्हें वेतन घटाने के बजाय बढ़ाकर दिया जाना चाहिए। उनकी परिक्रमा का मकसद सिर्फ और सिर्फ सरकार का ध्यानाकर्षण करवाने का है जिससे मजदूरों को उनका वाजिब हक उन्हें मिल सके। वे कहते हैं कि राजनीतिक दलों में रोजगार सृजन के लिये व्यापक सोच दिखाई नहीं देती है, इसलिए उन्होंने तय किया है कि कांग्रेस 'रोजगार सृजन' को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएंगी। पहले चरण में 2 साल के अंदर सरकार में जितने पद रिक्त पड़े हुए हैं उन्हें भरेंगे और भाजपा सरकार ने जिन पदों को मृत घोषित किया है उन्हें पुनः जीवित करेंगे। कांग्रेस स्वरोजगार को राज्य का प्रमुख लक्ष्य बनाने के लिए विधाई व वित्तीय कदम उठाएंगी। अब पंजाब प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव हरीश रावत अपने इन मुद्दों को कैसे हकीकत में बदलेंगे ये तो आने वाला समय ही बताएगा मगर जिस उम्मीद के साथ वे जनसदन में उतरे हैं उससे तो बेरोजगार भी उनसे उम्मीदें पाले हुए हैं अब उनकी उम्मीदों पर वे कब और कितना खरा उतरते हैं ये आने वाला वक्त ही बताएगा क्योंकि विपक्ष में अक्सर लोकलुभावन वायदे किए जाते हैं जिससे जनता उस तरफ आकर्षित हो सके हकीकत की मालूमात तो सत्ता पाते ही पता चलती है।
कौन सा जन नेता करने जा रहा है सिडकुल परिक्रमा