उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति न मजदूरों की मांगों को लेकर मानव श्रृंखला बना कर विरोध प्रदर्शन ।
देहरादून।, उत्तराखण्ड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के तत्वाधान में विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने गांधी पार्क के बाहर मानव श्रृंखला बनाकर केंद्र की मोदी व राज्य की त्रिवेंद्र रावत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया ।
इस अवसर पर सीटू , इंटक, एटक, एकटू , बैंक व विभिन्न यूनियनों के सदस्य गांधी पार्क के बाहर इकट्ठा हुए और मानव श्रृंखला बनाई और नारेबाजी की और देश के राष्ट्रपति और राज्यपाल को ज्ञापन भेजे ।
इस अवसर पर सीटू के सचिव लेखराज ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में जो कटोती बिल संसद में लाए गए है निश्चित तौर पर मजदूर विरोधी बिल हैं इससे मोदी सरकार का मजदूर विरोधी चेहरा सामने आ गया है उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा 12 घण्टे काम का आदेश जारी कर श्रमिकों के ऊपर काम का बेहिसाब बोझ डाला जा रहा है। जिससे तीन शिफ्ट के स्थान पर दो ही शिफ्ट चलेंगी जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट ने पास कर सेंटर को भेजा है जिससे श्रम कानून जो कि श्रमिकों के सुरक्षा कवच थे उन्हें समाप्त कर मजदूरों को मालिको के रहमो-करम पर छोड़ दिया गया है। जिससे मजदूर गुलामी की दास्तां जीने को विवश है।
इस अवसर पर इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार कोरोना काल को एक अवसर के रुप में ले रही है जिस कारण वे किसान मजदूर विरोधी बिलों को संसद में जोर जबरदस्ती से पारित कराना चाहती है उनके इस प्रयास से मजदूर और किसान चुप नहीं बैठने वाला। आंदोलन ही एक मात्र रास्ता है उन्होंने सरकार को चेताया जा सकता है कि यदि किसान व मजदूर विरोधी कानून वापस नहीं लिया तो आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रक्षा, रेल, बैंक, बीमा, कोल इंडिया, एयर इंडिया व हवाई अड्डे आदि सहित तमाम सार्वजनिक संस्थानों को निजी हाथों में बेच रही है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने 25 सितम्बर को होने वाले किसान आंदोलन को उत्तराखंड ट्रेड यूनियंस संघर्ष समिति अपना समर्थन देगी व किसान आन्दोलन में हिस्सेदारी करेंगी ।
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार किसान व मजदूर विरोधी बिल वापस ले तथा संसद में मजदूरों के कानूनों को और प्रभावी बनाने के लिए नए सिरे से अध्यादेश पारित करवाए। किसान विरोधी बिल जो संसद में अराजकता फैला कर पारित किया गया उसे वापस ले। उन्होंने राज्य की त्रिवेंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मजदूरों के खिलाफ साजिस बन्द करे सरकार और कॉरपोरेट को खुश करने से बाज आये ।
इस अवसर पर ऐटक के प्रदेश महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि देश मे सभी ट्रेड यूनियन्स मोदी के मजदूर विरोधी रवैये का विरोध कर रही है यह सरकार अपने कदम पीछे नही हटाती है तो आर -पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने श्रम कानूनों में बदलाव से 300 से कम कामगारों पर श्रम कानून लागू नहीं होने और उन्हें कभी भी कार्य से हटा देने से मजदूर बर्बाद हो जाएगा जिसका कॉरपोरेट्स नाजायज फायदा उठाएगा ।
इस अवसर पर ऐटक के समर भंडार , एकटू के के.पी. चन्दोला , इंद्रेश मैखुरी , इंटक के ओ .पी सूदी , गगन ककड़ सीटू के भगवंत पयाल आदि ने विचार व्यक्त किये ।
मजिस्ट्रेट कोके माध्यम से पत्र महामहिम राष्ट्रपति , महामहिम राज्यपाल को भेजा गया । इस अवसर पर उत्तराखण्ड किसान सभा के प्रान्तीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण , महामंत्री गंगाधर नौटियाल राजेन्द्र पुरोहित ने भी विचार व्यक्त करते हुए मजदूर किसानों को साथ - साथ मिलकर संघर्ष करने पर बल दिया ओर मजदूरों के संघर्ष के साथ एकजुटता प्रकट की व समर्थन दिया ।
इस अवसर पर अनन्त आकाश , बैंक यूनियन से एस. अस.राजव्र , वीरेंद्र पुंडीर, अनित , नीरज भंडारी, वी.के.छत्रपाल , जितेंद्र कुमार , अनिल कुमार ,आशीष पुरोहित , रविन्द्र नौडियाल, निर्लेश , माम् चन्द , दीपक शर्मा , सुनीता बबिता , ईश्वर पाल शर्मा , विशेष कुमार , लक्षमी नारायण भट ट्ट, ए. बी.उनियाल , भार्गव चन्दोला , देवराज , मुकेश , दिनेश , मुरारी, आशीष अली ,मनीष , जगमोहन, राकेश , जसवंत , सुभाष , नरेश , देव सिंह , सन्तु , राम लाल, वीरेंद्र सिंह, धर्मपाल आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।