हरिद्वार।, हर की पैड़ी पर बहने वाली मां गंगा की अविकल धारा को नहर का आस्तित्व देने वाले हरीश रावत सरकार के 2016 में किए गए फैसले के इतने समय बीत जाने के बाद भी मां गंगा के आस्तित्व को लेकर ना हरीश रावत सरकार संवेदनशील थी और ना ही गंगा को लेकर चुनावी मुद्दा बनाने वाले बीजेपी को इस बात से कोई सरोकार रहा। आप प्रदेश प्रवक्ता डॉ0 आर काला कहते हैं आम आदमी पार्टी भाजपा और कांग्रेस से सवाल करती है। जिस मांँ गंगा को लेकर ये दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां हरिद्वार से सियासत करती आई हैं अफसोस कि आज इतना समय बीत जाने के बाद भी न जाने चुप क्यों है? 3 साल से लंबित हर की पैड़ी में बहने वाली मां गंगा की धारा आज भी बतौर स्केप चैनल बह रही है जबकि आस्था के नाम पर यहाँ लाखों श्रद्धालु माँ गंगा की पूजा एवं स्नान करने देश-विदेश से यहां आते हैं। माँ गंगा के मूल स्वरुप के प्रति भाजपा, कांग्रेस दोनो ने हु न जाने क्यों उदासीन रवैैया अपनाया हुआ हैै? आप इस मुद्दे पर अब चुप नहीं बैठनेे वाली। फिर ये मुद्दा गरमा गया है। जहां एक तरफ युवा पुरोहित इस मुद्दे को लेकर धरने पर बैठ गए है। वहीं आम आदमी पार्टी भी मां गंगा के आस्तित्व, आस्था को लेकर मुखर हो गई है और दोनों सरकारों से मां गंगा के प्रति उदासीन रवैए से खफा होकर करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। जिसका आने वाले कुंभ के चलते सड़कों पर उतरने की तैयारी कर चुकी है । आप का कहना है, भाजपा और कांग्रेस माँ गंगा के नाम पर सिर्फ सियासत करना जानते हैं लेकिन उनके आस्तित्व और मर्यादा को लेकर बेपरवाह हैं। तभी तो 2016 से हर की पैड़ी पर बहने वाली मां गंगा की अविकल धारा आज भी कागजों में नहर के स्वरूप में बह रही है। जबकि इसके इतिहास को देखा जाए तो इसी अविकल धारा को माँ गंगा का आस्तित्व देने के लिए कई प्रयास किए गए तब जाकर माँ गंगा का आस्तित्व हर की पैड़ी में बहने वाली धारा को मिला। "104 साल पहले अंग्रेजों ने जब गंगा नहर का निर्माण शुरु किया तब महामना मदन मोहन मालवीय ने हर की पैड़ी को नहर में तब्दील कर रही अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। तब जाकर हर की पैड़ी पर बह रही इस अविकल धारा को माँ गंगा का दर्जा मिला था। "
बताते चलें कि हरीश रावत सरकार ने एनजीटी और कोर्ट के आदेशों के बाद गंगा के दायरे के नजदीक निर्माण को लेकर फैसला दिया था तब तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने इसे नहर का दर्जा देकर इसके आस्तित्व से खिलवाड़ किया। उसके बाद भाजपा सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार के शासनादेश को निरस्त करने की बात कही लेकिन पिछले साढे 3 सालों में हरीश रावत सरकार के उस फैसले को बदलने के लिए उनकी नीयत और नियति में इंच भर का फासला भी नजर नहीं आया। हालांकि हर की पैैड़ी की जो गंगा सभा है या उससे जुड़े तमाम जो संगठन है वह सिर्फ सरकार के आश्वासनों के भरोसे ही बैठे हैं । कुंभ होना है ऐसे में सवाल उठता है क्या करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक माँ गंगा में स्नान करने वाले क्या कागज में नहर स्वरुप नदी में स्नान करेंगे। अब हर की पैड़ी पर कुंभ स्नान की तैयारी में जुड़े संत भी स्केप चैनल का नाम बदलने के लिए सरकार पर कोई दबाव नहीं बना पा रहे हैं खुद सरकार के मंत्री और वहां से विधायक जो शहरी विकास मंत्री हैं उनकी नियत पर ही सवाल उठे खड़े होते हैं। आप प्रवक्ता डॉ0 काला कहते हैं कि माँ गंगा ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगी, जिन्होंने उसके अस्तित्व पर सवाल खड़ा किए और उसको एक नहर का दर्जा दिया । जबकि इस को माँ का दर्जा देने के पीछे का इतिहास बहुत पुराना है। आप किसी भी सूरत में माँ गंगा के अस्तित्व पर सवाल नहीं उठने देगी, यही नहीं आप सरकार से मांग करती जल्द से जल्द बिना देर किए इसको हर की पैड़ी पर बहने वाली धारा को माँ गंगा का अस्तित्व मिले ना कि नहर का इसके लिए आम आदमी पार्टी किसी भी स्तर पर जाकर धरना प्रदर्शन आंदोलन तमाम चीजें करेगी। जो माँँ गंगा के स्वरुप को पुनः स्थापित करने में मददगार साबित होगा। वहीं इसके अलावा आम आदमी पार्टी, मां गंगा ,और उससे जुड़ी आस्था,विश्वास के साथ बार बार किसी ना किसी रूप में,होने वाले खिलवाड़ पर जनमत सर्वे कराने जा रही है जिसमें जनता अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर माँ गंगा की आस्था और विश्वास को लेकर अपना पक्ष रखेंगे। आप मां गंगा की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी।
वहीं आप प्रवक्ता डॉक्टर राकेश काला ने कांग्रेस की मंशाओं पर सवाल उठाते हुए कहा,कांग्रेस सरकार ने चार साल पहले जो पाप किया था, उसी पाप को भाजपा भी ढो रही है। आम आदमी की सरकार आने पर इन पापों का शुद्धिकरण किया जाएगा। कई बार राज्य के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक इस काले कानून को रद्द करने का भरोसा दे चुके हैं। मगर वे किसी नतीजे पर अब तक नहीं पहुंचे। अगर सरकार ऐसे ही लचीला रुख अपनाएगी तो आम आदमी पार्टी इस मुद्देे को एक आंदोलन की शक्ल देने जा रही है।