क्रिकेटर आर्यन जुयाल के दादाजी हरिश्चंद्र जुयाल का आकस्मिक निधन

हल्द्वानी। उत्तराखंड की जुयाल वंशावली में उभरते सितारे आर्यन जुयाल जिसने अपनी छोटी सी उम्र में खुद की प्रतिभा का लोहा मनवा जूनियर क्रिकेट टीम में बतौर कप्तान जगह पाई और वर्तमान में वे रणजी खेलते हैं। कल उनके परिवार से एक दुखद समाचार प्राप्त हुआ उनके दादाजी हरिश्चंद्र जुयाल मूलगांव बसोली, अल्मोड़ा का कल सुबह हल्द्वानी में ही आकस्मिक निधन हो गया। उपरोक्त जाानकारी जुुयाल वंशावली के संपादक विमल जुयाल से प्राप्त हुई। उन्होंने साझा किया कि वे उनके निरन्तर सम्पर्क में थेे और जुयाल वंशावली की पुस्तक के संकलन में उनका बहुमूल्य योगदान रहा है। हरीश चन्द्र जुयाल का जन्म 3 अप्रैल 1944 को गांव बसोली अल्मोड़ा में हुवा उन्होंने अपने गांव से ही शिक्षा प्राप्त कर सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की और एमईएस में बतौर इंजीनियर रहते हुए  साल 2002 में असिस्टेंट गैरिजन इंजीनियर के पद से वेे सेवानिवृत्त हुए और रामनगर में ही बस गए। उनके ज्येष्ठ पुत्र डाॅ0 संजय जुयाल हैंं जो कि हल्द्वानी में सेन्ट्रल नर्सिंग होम चलाते है। उनकी पत्नी डाॅ0 प्रतिभा वहां पर गायनोकाॅलोजिस्ट हैंं। डाॅ0 संजय जुयाल केे ही सुपुत्र आर्यन जुयाल हैंं जो कि 2018 मेें भारतीय क्रिकेट टीम अंडर 19 विश्व विजेता टीम केे कप्तान रहें हैैं जिसमें आर्यन विकेट कीपर रहे व 2018 में श्री लंका को 3-2 से हराकर ट्राॅफी भारत के नाम की। आजकल वे उत्तर प्रदेश की तरफ से रणजी खेल रहे हैं तथा हरीश चन्द्र जुयाल के दूसरे सुपुत्र पंकज जुयाल बी टेक करने के पश्चात अमेरिका नोकिया कंपनी में बतौर इंजीनियर सेवारत हैं। हरीश चन्द्र जुयाल एक समाजसेेवी भी थे उन्होंने जब अपने गांव को मोटर यातायात से वंचित होते देखा तो कहीं न कहीं उनके मन में सरकार के इस असंवेदनशील रवैये से पीड़ा हुई और अंततः एक वर्ष पूर्व उन्होंने स्वयं केे पेंशन सेे ढेड लाख रुपए में जेसीबी किराए पर लेकर गांव को रामनगर के मुख्यमार्ग से 700 मीटर जोड़ दिया हालांकि लोक निर्माण विभाग ने उनके कार्य की सराहना कर भुगतान करने व डामरीकरण का वादा किया। मगर उनकाा जज्बा ही था जिसने उन्हें जिंदादिल बनाए रखा। जुयाल वंंशावली केे संपादक भाई विमल बताते हैं कि अपने गांव की वंशावली उन्होंने स्वयं तैयार की। बेशक आज उनका शरीर हमारे बीच नहीं हैै लेकिन उनके द्वारा समाज में किए गए अभूतपूर्व योगदान के लिए वे सदैव याद किए जाते रहेंगे। न्यू एनर्जी स्टेट परिवार ऐसे मनीषी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर शत-शत नमन करता है। जुयाल वंशावली की संकलनकर्ता टीम उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती है।