देहरादून। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड ने केंद्र में पारित किसान अध्यादेशों विरोध के साथ ही उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं तथा बढ़ती बेरोजगारी को विधानसभा कूच किया। उन्होंने अलग-अलग विधानसभाओं से प्रतिनिधित्व किया। प्रदेश प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी एवं धर्मपुर विधानसभा के प्रभारी डॉक्टर राकेश काला के साथ अलग अलग टीमों धर्मपुर(अशोक सेमवाल), डोईवाला(प्रमोद कपरुवाण 'शास्त्री'), मसूरी(नवीन) नेतृत्व में दीपनगर से होते हुए रिस्पना पुल विधानसभा की ओर प्रदर्शन करते हुए रैली के रूप में पहुंचे। जहां पुलिस प्रशासन के द्वारा वेरिकेंट बनाकर कार्यकर्ताओं को रोका गया जिससे कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठे। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी डॉक्टर आर काला ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र लोगों की जनभावनाओं से बना है जब उसकी ही हत्या होने लगे तो समझो लोकतंत्र का महत्व नहीं रह जाता। केंद्र की सरकार किसान अध्यादेशों को पारित कर देती है लेकिन किसान आज उन अध्यादेशों से खुद को छला महसूस कर रहा है जबकि भाजपा इसे किसान हित में बता रही है। अगर ये अध्यादेश किसान हित में होता तो भाजपा को समर्थन देने वाले अकाली दल से कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल को इस्तीफा देने की क्या जरूरत पड़ती है। जिसका आम आदमी पार्टी पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अन्नदाता को मजदूर बनाने पर तुली है किसान बिल पास होने से किसान अपने अधिकारों से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है कोरोना काल में राज्य में बेरोजगारों की फौज खड़ी है और सरकार उन्हें रोजगार देने में अभी तक असफल ही रही है। जिस उपनल को सैनिक परिवारों के लिए एक गैर सरकारी संस्था बनाया गया था अब उसका दुरुपयोग कर बैकडोर एंट्री का खेल सरकार ने जारी कर दिया है जो कि बेरोजगारों के साथ छल है। वहीं प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट है। जब प्रदेश की नेता प्रतिपक्ष तक को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मेदांता का रुख करना पड़ रहा हो तो अनुमान लगाया जा सकता है कि आम आदमी का किस हाल में होगा। उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं अगर कहीं व्यवस्थाएं पटरी पर लाई होती तो आम आदमी यूं ही दर दर की ठोकरें न खाता और नेता प्रतिपक्ष को हल्द्वानी से देहरादून और देहरादून से गुड़गांव के मेदांता में उपचार के लिए नहीं जाना पड़ता। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हल्द्वानी में ही समुचित इलाज मिलता लेकिन उन्हें खुद के इतने लंबे कार्यकाल पर फिर भी गुमान होगा। आम आदमी पार्टी का उत्तराखंड की विधानसभा में बेशक राजनीतिक रुप से कोई हस्तक्षेप न हो मगर उत्तराखंड में विपक्ष की भूमिका अगर कोई अदा करते दिख रही है तो वह आप ही है। जनता की मूलभूत अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष जारी है। इस अवसर पर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी डॉ0 राकेश काला, वरिष्ठ नेत्री श्रीमती उमा सिसोदिया, प्रमोद कपरुवाण 'शास्त्री', नवीन, नरेंद्र सती, भरत सिंह, राजेन्द्र गैरोला, अशोक सेमवाल सहित सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में पुलिस अधिकारियों के समक्ष उप जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया गया I
आप ने किया विधानसभा कूच