आप की प्रदेश कार्यकारिणी भंग

देहरादून। आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जिस राजनीतिक कौशल का परिचय दिल्ली में दिया। परिणाम स्वरूप आज उसी माॅडल से प्रेरणा लेते हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उत्तराखंड में स्थापित करने के लिए लगातार संघर्षरत है। कार्यकर्ताओं के त्याग व तपस्या का ही प्रतिफल है कि आज उत्तराखंड के अंदर आप ने अपने छोटे से कार्यकाल में एक नई पहचान बनाई है। जबकि राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस के विपक्ष के धर्म का अगर उत्तराखंड में सही से निर्वहन कोई कर रहा है तो वह आप ही है। विधानसभा में प्रतिनिधित्व के बगैर भी आप आमजन के लिए विपक्ष की भूमिका में लगातार संघर्षरत है। पिछले 8 वर्षों से जुड़े पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं ने पार्टी की विचारधारा को जनसामान्य तक पहुँचाने में दिन-रात एक किया है। उत्तराखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार व संसाधनों की अनियोजित व अनियंत्रित लूट-खसोट के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में मुख्य विपक्ष की भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया है।


उत्तराखंड में निरंतर बढ़ते परिवार को एक नई पहचान व नई धार देने के लिए पार्टी ने राज्य में वर्तमान संगठन (विधानसभा, जिला, प्रदेश सभी स्तर पर)  खड़ा किया था जिसे पूर्णतः भंग कर (सिवाय प्रदेश अध्यक्ष पद व जोनल इंचार्ज) के उत्तराखण्ड राज्य में आम आदमी पार्टी के संगठन का पुनर्निर्माण का फैसला किया है। जिसमें जिम्मेवारियों व कार्यभारों का परस्पर आवंटन होना है। कार्यों को सुचारु रूप से चलाने के लिए संभवतः एक नए संगठन, नए ढांचे की रुपरेखा भी प्रस्तावित है। पार्टी के प्रति समर्पण भाव, निष्ठा व कर्मठता से कार्य करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को सांगठनिक ढांचे में यथाशीघ्र जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी, बशर्ते सभी अपने कार्यों को बिना पद की लालसा के धरातल पर अंजाम देते रहें। 


यह सुनिश्चित करना संगठन का काम है कि कौन धरातल पर कार्य कर रहा है या नहीं। उत्तराखंड में एक नई ऊर्जा व नए विचार के साथ संगठन को खड़ा करना वक्त की जरुरत है अगर वक्त रहते महत्वकांक्षा का त्याग कर बंदरबांट की इस कड़ी को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तो निश्चित ही शहीदों की शहादतों का उत्तराखंड बनने से कोई नहीं रोक सकता। जिसमें समाज के सभी वर्गों विशेषकर महिलाओं, युवाओं, किसानों, मजदूरों अल्पसंख्यको की उचित भागीदारी रहेगी।