' सड़क पर धान की रोपाई' के स्लोगन से मिली नई पहचान

* स्थानीय लोगों के आक्रोश (सड़क पर धान रोपाई) की


    भनक लगते ही प्रशासन ने गड्ढों में भरवाई मिट्टी। 


* 4 गांव को नेशनल हाईवे से जोड़ने वाली सड़क कई


    साल बाद भी नहीं बनने से आक्रोशित थे स्थानीय


     वासिंदे। 


* कनक धनै समेत 6 आक्रोशित स्थानीय निवासियों


   को तय कार्यक्रम से पूर्व ही पुलिस ने शांति भंग में


   किया गिरफ्तार। 


ऋषिकेश। उत्तराखंड की ऋषिकेश विधानसभा के विस्थापित क्षेत्र के लोगों ने सड़क की बदहाल स्थिति को लेकर उत्तराखंड जन एकता पार्टी के युवा नेता व स्थानीय होने के नाते कनक धनै के नेतृत्व में सरकार को जगाने का कार्य किया। कनक टिहरी विस्थापित खांड गांव के निवासी होने के साथ ही सुशिक्षित युवा है। जो विदेश से पढ़ाई करने के बावजूद भी अपनी जन्मभूमि से लगाव रखते हुए अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं। भला एक सुशिक्षित व्यक्ति कैसै अपने अधिकारों की आवाज न उठाए। वह भी तब जब सरकारों ने ही आम जन को मूलभूत सुविधाओं के साथ अधिकार संपन्न बनाया हो। जन जागृति के लिहाज से सरकार को कनक धनै का शुक्रिया अदा करना चाहिए था। क्योंकि जो कार्य वहां के जनप्रतिनिधि को करने चाहिए थे वह एक युवा जो विदेश के तौर तरीकों में रच बसकर आया और बिना कुछ कहे सिर्फ और सिर्फ क्षेत्रीय जन जागृति के लिहाज से अपने इस अभियान को  'सड़क से स्वाभिमान' नाम से जोड़ता है। आज के दौर में जब टेक्नोलॉजी कहां से कहां पहुंच गई लेकिन हमारी सरकारें आज भी आमजन की मूलभूत आवश्यकताओं को ही पूरी नहीं कर पाई। किसी भी क्षेत्र का क्षेत्रीय विकास उसकी प्राथमिकता होती है। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और पतदुपरांत रोजगार आज की जरुरत है हमारी सरकारें शायद ही इन सब पर खरे उतरती हो। जब शहरी क्षेत्र की ऋषिकेश विधानसभा जो तकरीबन 35000 की आबादी बहुल क्षेत्र है और जिसका प्रतिनिधित्व ही सत्ताधारी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल करते हों वहां की सड़क का दयनीय हालत में होना राज्य के लिए चिंता का विषय है।  विदेश से ज्ञानार्जन करने के बावजूद भी एक युवा 'सड़क पर धान की रोपाई' का स्लोगन देकर संघर्ष की राह पर चल पड़ा है और अपने प्रयासों में सफल भी हुआ है। अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी कार्य की ठान ले तो अवश्य ही वह मंजिल तक पहुंचता है। कुछ ऐसा ही प्रयास कनक धनै ने किया। उन्होंने 4 गांवों रायवाला, प्रतीत नगर, गोहरीमाफी, टिहरी फार्म को मुख्य राजमार्ग रायवाला से जोड़ने वाली बदहाल सड़क को 'सड़क पर धान रोपाई' का संदेश क्या दिया सरकार ने आनन फानन में जनता के आक्रोश को भांपते हुए गड्ढों की मिट्टी से लीपापोती का काम आज से शुरु कर डाला। पुलिस ने तय कार्यक्रम से पहले ही सरकार को जगाने वाले युवा कनक और उसके साथियों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तारी की। जबकि कल उसी रायवाला में चीन के कायराना हरकतों का पुतला दहन करने वाले लोगों पर शांति भंग के तहत कोई गिरफ्तारी नहीं की गई। यूजेपी ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए कहा कि सरकार का दोहरा मापदंड समझ से परे है। बताते चलें कि संघर्ष करने वाला ये युवा कोई और नहीं बल्कि उत्तराखंड जनएकता पार्टी के अध्यक्ष व उत्तराखंड सरकार के पूर्व काबीना मंत्री रहे दिनेश धनै के बेटे हैं। जिन्होंने विदेश से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी उत्तराखंड में अपनी जन्मभूमि को ही कर्मस्थली चुनकर दिन रात यहां के सरोकारों से जुड़े हुए हैं और अपने पिता के नक्शे कदम चल पड़े हैं। आज जो हुआ उसने उनके संघर्षों की कड़ी में एक नई पहचान जुड़ गई है। जो उनके लंबे सफर की गवाह बन गई है।