टिहरी। वैश्विक महामारी की चुनौती के समय टिहरी जनपद के नवनियुक्त जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने पदभार ग्रहण कर लचर कार्य प्रणाली को दरकिनार कर व्यवस्था कैसे पटरी पर लाई जाए इस दिशा में कार्य करना शुरु कर दिया है। ये हकीकत है कि पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों से कैसे पार पाना है शायद इस बात को पहाड़ के व्यक्ति से बेहत्तर कोई समझ सकता हो। कोरोना संक्रमण की घड़ी में अपने लोगों के लिए व्यवस्थाएं कैसी की जाएं उस जिम्मेदारी का नए जिलाधिकारी ने अच्छे से निर्वहन कर एक पहाड़ी होने का परिचय भी दिया है। जिले में संसाधनों का कैसे उपयोग किया जा सकता है ये हाल ही में कार्यभार ग्रहण करने वाले जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने साबित कर दिखाया। जनपद में कोरोना संक्रमण के अभी तक 74 पाॅजिटिव केश सामने आये हैं। जिसके चलते नव नियुक्त जिलाधिकारी ने वक्त की नजाकत को भांपते हुए जो व्यवस्था बनाने का काम किया वह काबिले तारीफ है। टिहरी के सुरसिंगधार स्थित नर्सिंग लोगों के लिए व्यवस्थाएं कैसी की जाएं उस जिम्मेदारी का नए जिलाधिकारी ने अच्छे से निर्वहन कर एक पहाड़ी होने का परिचय भी दिया है। जिले में संसाधनों का कैसे उपयोग किया जा सकता है ये हाल ही में कार्यभार ग्रहण करने वाले जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने साबित कर दिखाया। जनपद में कोरोना संक्रमण के अभी तक 74 पाॅजिटिव केश सामने आये हैं। जिसके चलते नव नियुक्त जिलाधिकारी ने वक्त की नजाकत को भांपते हुए जो व्यवस्था बनाने का काम किया वह काबिले तारीफ है। टिहरी के सुरसिंगधार स्थित नर्सिंग
काॅलेज के साथ ही कोटी कॉलोनी में स्थित टिहरी एडवेंचर स्पोर्ट्स अकादमी को आइसोलेशन सेंटर तैयार कर उन्होंने 20 बेड के कोविड केयर सेंटर को 250 बेड में तब्दील करने का काम किया। ये वही सुरसिंगधार नर्सिंग काॅलेज है जिसकी आधार शिला ही टिहरी के तेज-तर्रार नेता व तत्कालीन काबीना मंत्री दिनेश धनै ने रखी। उन्होंने तब नर्सिंग कॉलेज की धीमी रफ्तार पर शासन-प्रशासन के ढुलमुल रवैये को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को बीजापुर गेस्ट हाउस
पहुंच (नहीं चाहिए ऐसा विभाग, जहां कागजों पर होते होंकाम) चिकित्सा शिक्षा विभाग का प्रभार वापस ले लिया जाय कहकर नाराजगी व्यक्त की थी। उनके उस समय किए गए अथक परिश्रम का फलसफा है कि आज जिलाधिकारी तक ने अपनी उन संपदाओं को उपयोग में लाने की बात कही। जिन्हें सींचने का काम तब धन्नै ने किया असल मायने में यही विकास है जिसकी नींव उन्होंने अपने कार्यकाल में रखी। उनके कालखंड में किए गए कार्यों से आज हमारे अपने जिन्हें प्रवासी नाम दिया जा रहा है तक लाभान्वित हो रहे हैं। जब बात टिहरी के विकास में योगदान की हो रही हो तब दिनेश धन्नै के अभूतपूर्व योगदान को भूलेे नहीं भुुुलाया जा सकता है। धन्नै के कार्यकाल में बने विभिन्न शैक्षणिक एवं टूरिज्म संस्थान आज सभी वैश्विक महामारी कोविड-19 के क्वारंटाइन सेंटरों में तब्दील हैं, आज जब इस बारेे में 'उत्तराखंंड जन एकता पार्टी' के केन्द्रीय अध्यक्ष दिनेश धन्नै के बारे में टिहरी वासियों से राय जानी तो "पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रताप गुसांई प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहते हैं कि वैसेे इस संकट के समय राजनीति नहीं की जानी चाहिए लेकिन किसी नेता ने खुद की कार्य कुशलता से समाज में कोई योगदान दिया है तो उसे झुठलाया भी तो नहीं जा सकता। दिनेश धन्नै ही एक ऐसी शक्सियत है जिन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में टिहरी को साहसिक गतिविधियों का केंद्र बनाकर देश के मानचित्र में स्थापित करने का काम किया लेकिन दुःख इस बात को लेकर है कि टिहरी विधायक झील में सी प्लेन उतारने जैसी कई बड़े -बड़े कामों की घोषणा तो करते हैं लेकिन तीन साल के कार्यकाल में साहसिक क्रीड़ा व टिहरी झील में अन्य गतिविधियों में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाए। हां इतना जरूर है कि बड़े-बड़े होल्डिंग 101 योजनाओं जिसमें रु0 1200 करोड़ टिहरी झील के विकास के लिए स्वीकृत हुए जरुर है। जो हाथी केे दांत के समान है। खुशी सिर्फ इस बात को लेकर है कि जो विकास कार्य धन्नै के कार्यकाल में हुए उन्हें कोरोना महामारी की घड़ी में जिलाधिकारी टिहरी आमजन के काम ला रहे हैं।जो लोग तब 2012 से 2017 में हुए विकास को कोसते थे शायद उन्हें आज इसका जवाब मिल गया होगा।" टिहरी के ही "सोमवारी लाल सकलानी कहतेे हैं तत्कालीन सरकार में हुए विकास कार्य के बूते ही नए जिलाधिकारी कदम उठा रहे हैं। अगर प्रशासन को जरुरत पड़ी तो नई टिहरी एच. एम. कॉलेज तथा कोटि-कॉलोनी में स्थित पर्यटन विभाग के होटल और टिहरी झील किनारे निर्मित हट्स को भी उपयोग में लाया जाना चाहिए।",
टिहरी से संजय मैठाणी, ज्येष्ठ प्रमुख चंबा कहते हैं कि जो काम सत्ताधारी दलों से कई बार के विधायक रहकर नहीं कर पाए वह काम पहली बार टिहरी से बतौर निर्दलीय विधायक प्रतिनिधित्व करने वाले दिनेश धन्नै नेे सरकार में रहते कर दिखाया।
आनंदी नेगी, पूर्व प्रमुख चंबा कहती हैं कि टिहरी का सुरसिंग धार नर्सिंग कॉलेज समय से पहले बनकर तैयार हुआ जबकि एक साथ दोनों कॉलेज स्वीकृत हुए थे ये दिनेश धन्नै की कार्यशैली ही थी जिसने टिहरी के नर्सिंग कॉलेज को वक्त से तैयार करवाया परंतु चमोली नर्सिंग कॉलेज की कक्षाएं आज भी टिहरी से ही संचालित हो रहीं है।
भूपेंद्र रावत सदस्य क्षेत्र पंचायत कहते हैं कि टिहरी का सुरसिंग धार नर्सिंग कॉलेज 252 बैड का अस्पताल बनकर तैयार है। वहीं कोटि-कॉलोनी राजीव गांधी साहसिक क्रीड़ा एकेडमी में 200 बैड का अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है। ये सब दिनेेश धन्नै के अथक प्रयासों से ही संभव हो पाया है। उनके कार्यकाल में निर्मित जाखणीधार पॉलिटेक्निक कॉलेज आज प्रवाासियों को क्वारंटाइन करने के काम आ रहा है। क्या ये किसी उपलब्धि से कम है।
बलवीर नेगी कहते हैं कि दिनेश धन्नै के समय चली बयार से ही टिहरी का आमजन आज लाभान्वित हो रहा है जो लोग तब 2012 से 2017 में हुए विकास को ढूंढ रहे थे उन्हें टिहरी के नवनियुक्त जिलाधिकारी ने अपनी कार्यशैली से क्वारंटाइन सेंटर की उपयोगिता में शुमार कर विकास पर मुहर लगाई।
वैसे धन्नै ने संकट की इस घड़ी में मानवता का परिचय देते हुए अपनी मार्च माह की पेंशन तक मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की। उसके संबंध में जिलाधिकारी टिहरी को पत्र लिखकर उन्होंने जो दरियादिली दिखाई वह तारीफेकाबिल है। उन्होंने सरकार में रहते हुए जो अभूूूतपूर्व कार्य किए उससे टिहरी का आमजन आज सीधे लाभान्वित हो रहा हैै। जिस प्रकार अन्य पहाड़ी जिलों के लोगों को एम्स ऋषिकेश और दून जैसी जगहों पर भेजा जा रहा है, तो वहीं टिहरी का सुरसिंग धार नर्सिंग कॉलेज भी आज मील का पत्थर साबित हो रहा है जहाँ 252 बैड का अस्पताल बनकर तैयार है। वहीं कोटि-कॉलोनी राजीव गांधी साहसिक क्रीड़ा एकेडमी में 200 बैड का अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है। ये सब दिनेेश धनै के अथक प्रयासों से ही संभव हो पा रहा है। उनकेे कार्य काल में निर्मित जाखणीधार पॉलिटेक्निक कॉलेज आज प्रवाासियों को क्वारंटाइन करने के काम आ रहा है। दिनेश धनै ने सरकार में पर्यटन मंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में विकास की जो आधार शिला रखी वह अविस्मरणीय है। टिहरी के नए जिलाधिकारी ने सुरसिंगधार नर्सिंग कॉलेज में बने आइसोलेसन वार्ड का निरीक्षण कर बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए एक सुनिश्चित जगह तैयार की जहां डाॅक्टरों की टीम के साथ अन्य स्टाॅफ पीआरडी और होमगार्ड के जवान भी तैनात किये गये हैं। जिलाधिकारी ने टिहरी केे प्रवेश द्वार मुनिकीरेती में एडीएम टिहरी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की। जिनका कैम्प कार्यालय मुनिकीरेती में होगा। उनके साथ 5 अन्य अधिकारी तैनाती की गई है। जो कि बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों पर पल पल की नजर बनाये रखेंगें ही साथ ही उनके रहने की व्यवस्थाओंं का जायजा लेंगेे। जिलाधिकारी टिहरी ने जिले के तकरीबन 405 होटल अधिग्रहण किये हैं। जिसमें 5 हजार कमरे हैं। उनमें कम से कम 15 हजार प्रवासियों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था है। इन होटलों व धर्मशालाओं में सुरक्षा की दृष्टि से पीआरडी और होमगार्ड तैनात कर दिये हैं, ताकि वहां रहने वाले प्रवासियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। एसडीएम को निर्देशित किया कि अगर आवश्यकता पड़ी तो सभी तहसीलों के होटलों को भी अधिग्रहण किया जा सकता है। नए जिलाधिकारी के रोड़मैप से टिहरी वासियों में कहीं न कहीं उम्मीद की एक किरण जागी और दिनेश धन्नै के विकास कार्यों पर भी मुहर लगी।