मानवता का नाम ही "छोटी सी दुनिया" है

देहरादून। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते अगर कोई संगठन शुरूवाती दौर से गरीब, लाचार की परवाह किये हुए है तो वह "छोटी सी दुनिया" चैरिटेबल ट्रस्ट हीं है। इनके वारियर्स विगत माह की 22 तारीख से ही अपने कर्तव्यपथ पर चल रहेे हैं। लॉकडाउन के लगातार 27 वें दिन भी "छोटी सी दुनिया" चैरिटेबल ट्रस्ट एंव सामाजिक संगठन देहरादून नेे विभिन्न क्षेत्रों में जाकर हरेेक रोज लगभग 1000-1500 जरूरतमंद लोगों को भोजन करवा रहा है। संगठन ने अब तक कई बीमार जरुरत मंद लोगों तक उनकी दवा, वाकर और जरुरत मंद सामग्री तक निशुुल्क पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है बशर्ते जरुरत मंद व्यक्ति उनकी पहुंच तक हो। बेशक मानवता के नाते अनेेकों संगठन जरुरत मंदो को भोजन करवा रहें होंं, मगर संगठन के अध्यक्ष विजय राज का कोई सानी नहीं है। वेे अपने शुरुआती दौर के सेवा भाव से न जाने कितनों को अब तक लाभान्वित भी कर चुके हैं। आज जब देश वैश्विक महामारी से जूझ रहा है तब वे अपनी जिम्मेदारियों का और अच्छे से निर्वहन करते देखे जा सकते हैं। लाॅक डाउन के पहले रोज से अगर कोई संगठन आमजन राहगीरों और लावारिसों के लिए कुछ कर गुजरता है तो वह  "छोटी सी दुनिया" चैरिटेबल ट्रस्ट एंव सामाजिक संगठन ही है। संगठन ने लगातार शहर केे हर जरूरत मंद तक पहुंचनेे का लक्ष्य रखा है ताकि अभावों के चलते कोई भी भूखा न सोने पाए। संगठन अध्यक्ष विजय राज का यही भाव है कि वे जितना हो सके अपने संगठन के कर्मठ वारियर्सों (सदस्यों) को साथ लेकर लोगों की भूूख मिटा कर हरेक मजबूर लाचार के दिलों में जगह बनाने में सफल रहते हैंं। उनके लिए ये कोई नया वाकया नहीं है। इससे पूर्व भी वे लोगों के दिलों में अपने कार्य की वजह से जगह बनाते आएं हैै। पटेल नगर, ट्रांसपोर्ट नगर अवस्थित *रैन बसेरा,अग्रवाल धर्मशाला,दिहाड़ी मजदूर वर्ग,बेसहारा लोगों एवं विभिन्न स्थानों में फंसे बाहर से आए हुए लोगों को भोजन मुहैया करवाने में संगठन के वारीयर्स दिन-रात एक किए हुए है। संस्था अध्यक्ष विजय राज ने बताया कि समय समय पर वे जरूरतमंद परिवारों को उनकी जरूरत के अनुसार सूखा राशन भी उपलब्ध करवाया गया। संस्था की ओर से भरसक प्रयास है कि हर जरूरतमंद लोगों तक़ पहुंचा जाए और उनकी हरसंभव मदद की जाए जिसमें संस्था को कार्यकर्ताओं की मेहनत से  सफलता भी मिल रही है। संस्था का उददेश्य है कि कोई भी भूखा ना रहें । इनका ध्येय वाक्य  'नर सेवा, नारायण सेवा' भी यही है।