देहरादून। आज गूगल की नवलेखा टीम ने होटल सेयफर्ट सरोवर प्रीमियर में प्रकाशकों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें टीम नवलेखा की तकनीकि टीम में सुनीता पारिख, गिरिजा, अनन्या शुक्ला एवं फील्ड टीम के सनी कुमार, मनन आनन्द, राहुल कटारिया, ने प्रकाशकों से अपने अनुभव साझा किए कि बेवसाइट को कैसे आपरेट करते हैं और सर्च इंजन कैसे काम करता है इत्यादि सिखाया गया। आईटी क्रांति ने आज समय में बड़ा भारी बदलाव लाया है। आज हरेक व्यक्ति समय के साथ खुद को ढालना चाह रहा है। उसी दिशा में गूगल ने भी नवलेखा के माध्यम से प्रकाशकों में भी बदलाव लाने की एक नव पहल शुरु की है। ताकि आॅन लाईन युग में कोई भी योग्य प्रकाशक खुद को अयोग्य न समझें जिस लिहाज से सभी को निःशुल्क बेवसाइट बनाकर दी जा रही है और प्रकाशकों को समय-समय पर होने वाली कार्यशाला में प्रोत्साहित भी किया जा रहा है प्रकाशकों के लिए भला इससे सुनहरा अवसर क्या हो सकता है, जहां पर निःशुल्क ज्ञानार्जन भी करवाया जा रहा हो और आॅफ लाईन से आॅन लाईन युग में अपडेट करने का काम भी नवलेखा कर रही है। टीम नवलेखा प्रकाशकों को आॅन लाईन से जोड़ने में सराहनीय कार्य कर रही है। खासकर आॅनलाईन के अभावों में रहने वाले प्रकाशकों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। ऐसा नहीं कि आॅफ लाईन का दौर चले गया हो लेकिन समय के साथ बदलाव प्रकृति का भी नियम है और अगर आज समय रहते उसमें नहीं ढले तो हो सकता है समय के हिसाब से प्रकाशकों को पीछे न रहना पड़ जाए। गूगल की टीम नवलेखा ने भटके हुुए लोगों को एक प्लेटफार्म देने का भरसक प्रयास किया है जो कि काबिले तारीफ है। बशर्ते प्रकाशक उनकी उम्मीदों पर खरा उतर सके। नवलेखा प्रोजेक्ट ने बदलते दौर में अधिकांश समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशकों को आॅफ लाइन से आॅनलाइन की महत्ता समझाई। जिस बात को कहने के लिए हम आॅफ लाईन में अपना समय जाया करते हैं उस बात को आॅनलाइन के युग में एक बार कहकर छोड़ देते हैं और वह कैसे पाठकों के मन मस्तिष्क में छाप छोड़ती है वह काफी हद तक अगर साधारण भाषा में कहें कि हमने उसमें ऐसा क्या परोसा है जिससे ब्यूवर्स उसे पढ़ने को विवश हो सके। तो ऐसे युग में गूगल ने नवलेखा के जरिए प्रकाशकों को मानो रामबाण औषधि दे दी हो और एक प्रकाशक होने के नाते सभी अपनी बात को आसानी से और सबसे पहले पहुंचाने को प्रयासरत रहते हैं, ये अलग बात है कि ब्यूवर्स की पहुंच के प्रकाशक कितने करीब है। लेकिन नवलेखा के इस नये अनुप्रयोग से प्रकाशकों का लाभान्वित होना तय है। आज कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशक कार्यशाला में उपस्थित रहे।
नवलेखा ने होटल सेयफर्ट सरोवर प्रीमियर में आयोजित की कार्यशाला