राज्य आंदोलनकारी नरेन्द्र राणा के आव्हान ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का किया खुलकर समर्थन

देहरादून।, परेड ग्राउंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा दिए जा रहे धरने के 47 वें दिन उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच गढ़वाल मंडल की ओर से राज्य आंदोलनकारी नरेन्द्र राणा ने आंदोलन को समर्थन दिया और अपनी पार्टी के नेताओं को भी जगाने का काम किया वे छात्र राजनीति से ही सदैव वैचारिक और तर्क संगत मांगों की पैरवी करते आये हैं और आजकल अपनी पार्टी में नेताओं को भी जगाते दिख रहें हैं। सोशल मीडिया में उनकी पोस्ट बहुत कुछ कहती है। कल उनके आव्हान पर पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय ने मातृशक्ति की मांगों को समर्थन दिया और आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ ही पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट सहित कई कांग्रेसी समर्थन देने आए। हाल ही में वे अपनी फेसबुक पोस्ट पर शिक्षा में पारदर्शिता की बात को उठाते हुए कहते हैं कि किसी भी विद्यालय के विद्यार्थी देश का भविष्य होते हैं अगर हम उनको नकल की राह पर चलकर आगे प्रोन्नत करवाने का कार्य करते हैं तो कहीं न कहीं हम उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं जो ना तो विद्यालय के लिए ही हितकर है और ना ही विद्यार्थी के लिए, बेहत्तर होगा अगर वाकई में अच्छा प्रदर्शन की शिक्षक चाह रखते हों तो शिक्षा के तौर तरीकों में बदलाव लाने की जरुरत है। अब उन्होंने कोई बात रखी है तो उसकी सत्यता पर हम मोहर तो नहीं लगा सकते हैं पर उनके अच्छे विचारों की सराहना जरुर करते हैं कि कैसे वे पहाड़ में रहकर उत्तराखंड के हितों की आवाज उठाने का कार्य कर रहे हैं वे प्रदेश की मातृ शक्ति का सम्मान करते हुए आज शायद दूसरी बार समर्थन के लिए टिहरी से चलकर के अपने सारे काम काज छोड़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्थन में खुलकर आये हैं। वे अपनी बात को अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व (नेताओं) तक आसानी से पहुंचाते हैं। हालांकि हरीश रावत ने अनशनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 10 सूत्रीय मांगों का संज्ञान लेते हुए अपनी सरकार आने पर पुरजोर समर्थन की बात कही। उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार आप लोगों से जितना अधिक काम लेती है उसके सापेक्ष मानदेय में सुधार की गुंजाइश है। अब देखना दिलचस्प होगा कि धरनास्थल पर राज्य आंदोलनकारी मंच का समर्थन सरकार पर कितना असरकारी साबित होता है कि सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी सेविकाओं, सहायिकाओं की जायज मांगों को यथा शीघ्र पूरा करने का कब तक संज्ञान लेती है।