देहरादून। जीरो टाॅलरेंस की सरकार में एक ओर अधिकारी आए विजिलेंस की राडार में। बताते चलें कि आखिर ये अधिकारी हैं कौन? ये ऋषिकेश लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिशासी अभियंता हैैं। विजिलेंस की छापेमारी में इनके घर से तकरीबन दो करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति मिली है। इसमें 21 तोला सोना, 6.38 लाख नकद, बैंक खातों में जमा 6.52 लाख रुपये के अलावा 90 लाख रुपये कीमत का आलीशान फ्लैट और 25 से 30 लाख रुपये की ज्वैलरी की रसीदें शामिल हैं। डीआइजी विजिलेंस कृष्ण कुमार वीके ने अधिशासी अभियंता को जल्द ही नोटिस देकर बयान के लिए बुलाये जाने बात कही।
# जीरो टाॅलरेंस की सरकार में एक ओर अधिकारी आए
विजिलेंस की राडार में।
#अधिशासी अभियंता प्रवीण बहुखंडी के खिलाफ
विजिलेंस ने भ्रष्टाचार का मुकदमा किया पंजीकृत।
# विजिलेंस की छापेमारी में तकरीबन दो करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का पता चला है।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रवीण बहुखंडी करीब छह महीने पहले विजिलेंस के राडार पर आए थे। पंद्रह साल की नौकरी में उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों को लेकर गोपनीय शिकायत की गई थी। विजिलेंस ने संबंधित अधिशासी अभियंता के अब तक के कार्यकाल की कुंडली खंगाली तो आय से अधिक संपत्ति मिलते ही कार्रवाई शुरु की। पर्याप्त साक्ष्य मिलते ही विजिलेंस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगी। बीते बुधवार को अनुमति मिलते ही उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया। इसके बाद उनके रेसकोर्स वैली स्थित फ्लैट नंबर 461 में भी छापा मारा गया। यहां से नकदी और बैंक खातों में जमा रकम के साथ तेग बहादुर रोड स्थित महालक्ष्मी बिल्डवेल में एक और फ्लैट पता चला जिसकी कीमत तकरीबन 90 लाख रुपये लगाई गई है। सवा सात लाख रुपये की एक एफडी, आधा दर्जन बैंकों के खातों की पासबुक और चेकबुक तथा एक लाख रुपये का किसान विकास पत्र भी मिले हैं। इसके अलावा घरों में रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले कीमती सामान भी जब्त किए गए हैं। डीआइजी ने बताया कि रेसकोर्स वैली का फ्लैट भी प्रवीण बहुखंडी के नाम पर ही है, जिसकी कीमत अनुमानित पचास लाख से अधिक की है अगर जीरो टाॅलरेंस की सरकार बिना किसी शिकायत केे निष्पक्ष होकर इस दिशा में कार्य करे तो न जाने कितने भ्रष्ट चेहरे भ्रष्टाचार के आरोप में बेेनकाब होंगे।