हुनर के 'परिक्षित' से हर कोई परिचित

हरिद्वार।, उत्तराखंड राज्य में प्रतिभाओं की शायद ही कमी हो और अगर बात करें पुलिस सेवा की तो यहां शानदार एथलीट, बेहतरीन गायक, चित्रकार हरेक विधा की प्रतिभाओं का भंडारण मिलेगा। उन्हीं में से एक पुलिस सेवा में कार्यरत कांस्टेबल परिक्षित कुमार भी हैं। जो कि वर्तमान में 40 वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार में तैनात हैं। इन्होंने अपने वुड कार्विंग (Wood Carving) और सीमेंट स्कल्पचर (Cement Sculpture) के हुनर से महकमें में ही नहीं अपितु हरेक आगन्तुक मेहमानों को तक को अपना कायल किया है। जो भी इनकी कला को एक बार देख ले निश्चित है कि वह उनकी कला से जरुर प्रभावित हो जाता है। पुलिस की अलर्ट यानी भागदौड़ भरी नौकरी के बीच कांस्टेबल परिक्षित ने अपने भीतर के कलाकार को जिंदा रखा है। उनके हाथों का हुनर उनकी बनाई कलाकृतियां में साफ देखने को मिलता है। येे साल 2005 में बतौर कांस्टेबल उत्तराखण्ड पुलिस की सेवा से जुड़े और वर्तमान में 40वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार में तैनात हैं। भगवान शिव का सीमेंट स्कल्पचर हो या वुड कार्विंग की कोई अन्य कलाकृति परिक्षित की उंगलियां ऐसे जादू बिखेरती मानो उन कलाकृतियों में प्राण डाल दिए हों। 40वीं वाहिनी पीएसी प्रांगण में उनके द्वारा बनाई गये वुड कार्विंग और सीमेंट स्कल्पचर हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। 'जिसका नाम ही हो परिक्षित भला उससे कैसे न हो कोई परिचित।' परिक्षित के हुनर उपरोक्त कलाकृतियों में देखा जा सकता है।