टिहरी। , हरीश रावत सरकार में अपनी काबिलियत का लोहा मनाकर बतौर काबीना मंत्री बन टिहरी विधान सभा के साथ समूचे उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले दिनेश धन्नै अब एक नए अंदाज में दिखाई दे रहें हैं। वे राष्ट्रीय पार्टियों के लाॅलीपाप के बजाय उत्तराखंड के लोगों के बीच उत्तराखंडियत को बढ़ावा देने को लेकर एक संकल्प यात्रा के तहत निकल पड़े हैं। उन्होंने इस बात को बतौर काबीना मंत्री रहकर करीब से समझा और उत्तराखंडियत को बचाने के लिए उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों के लोगों से मशविरा कर नई टिहरी कैंप कार्यालय में मिल बैठकर उत्तराखंड जन एकता पार्टी का गठन कर डाला। सभी सदस्यों ने उनके अनुभवों का लाभ उठाने के लिए उन्हीं को ही सर्व सम्मति से संयोजक/अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी। अब वेे धरातल पर रहकर सभी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उत्तराखंडियत को बचाने केे लिए शुरु की गई संकल्प यात्रा के तहत अपने गृृह क्षेत्र टिहरी से गांव-गांव पहुंच जन संवाद स्थापित करने लग गए हैैं। धन्नै कहते उत्तराखंड में न तो यहां के काम यहां का पानी ही आ रहा है और न ही जवानी आज अगर जरुरत है तो उत्तराखंडियत को बचाने की। यहां का नौजवान पढ़ लिखकर नौकरी की तलाश में मैदान को रुखसत कर रहा है आखिर कहीं न कहीं रोजगार का अभाव ही है जो कि हमारे नौजवान साथियों को उत्तराखंड से बाहर पलायन करना पड़़ रहा हैै जब पहाड़ मेें ही सारे संसाधन विकसित कर दिए जाएंगे तो क्यों नवयुवा प्रदेश से बाहर जाएगा। पलायन आयोग जैसे आयोगों की जरुरत ही पड़ेगी। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में अलग प्रदेश के बावजूद भी पहाड़ मेंं मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पहाड़ में पहाड़ियत की आवाज उठाने के लिए उत्तराखंडजन जन एकता पार्टी ने अपना विगुल बजा दिया है अब इस नए कलेवर को जनता के सम्मुख कैसे प्रस्तुत करते हैं काफी हद तक धन्नै के राजनीतिक कौशल पर निर्भर करेगा।