देहरादून। माजरा खाद्य आपूर्ति विभाग का है जिससे आए दिन व्यक्ति परेशान दिख मिल जाता है। आज विभाग को राशन कार्ड के सत्यापन करने की जरूरत है कई कार्डधारक ऐसे भी होंगे जो सामर्थ्य होने के बावजूद आम लोगों के हक छीनने जैसा कार्य कर रहे हैं। जब जीरो टाॅलरेंस की सरकार भी खानापूर्ति में ही विश्वास रखती हो तो आम जरुरत मंद किस पर विश्वास करे। ऐसा ही त्रुटियों के निराकरण के मामले में भी विभाग सजग नहीं है। मामला एमडीडीए अजबपुर कला पो0आॅ0 डिफेंस कॉलोनी के रवि कपूर नाम के व्यक्ति का है रवि कपूर बताते हैं कि वे अपने परिवारीजनों के राशनकार्ड में गलत चढ़े नाम सही कराने को लेकर साल भर से खाद्य आपूर्ति विभाग के चक्कर काट रहे हैं विभाग के दफ्तर में बैठे कम्प्यूटर आॅपरेटर के पास तीन बार कागजात लेकर नाम संशोधित करवाकर आ चुके हैं मगर विभाग है कि अभी तक भी नींद से जागा नहीं है। आज तक नाम जस के तस गलत चले आ रहे हैं जबकि राशन कार्ड बायोमीट्रिक हो चुके हैं, के बावजूद भी नाम में सुधार करने की आवश्यकता विभाग ने नहीं समझी। अब ऐसे में विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठेंगे ही।
सुस्त कार्य प्रणाली का खाद्य आपूर्ति विभाग