महाराष्ट्र का संयोग
महाराष्ट्र में पवार के पावर कार्ड से शिवसेना चित्त। राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर शिवसेना सरकार बनाने जा ही रही थी कि एकाएक शनिवार को कहानी ने एक नया मोड़ ले लिया। भाजपा ने राकांपा के अजीत पवार के साथ मिलकर ऐसा तालमेल बैठाया कि अब उन्हीं की पार्टी सुप्रीमो शरद पवार सोचने मजबूर हैं कि वे कहाँ समर्थन देने कावायदा कर गए और कहाँ भतीजे अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री की ताजपोशी कर नया कार्ड खेल, सरकार बनाने मे भाजपा को समर्थन दे दिया। हालांकि शिवसेना भाजपा की हरकतों से आहत होकर कोर्ट जाने का मन बना चुकी है। भाजपा ने जोर का झटका धीरे से कुछ ऐसा ही अहसास शिवसेना को करवाया। अब अगर शरद पवार की बातों पर गौर फरमाएं तो वे शनिवार को महाराष्ट्र की राजनीति में जो कुछ हुआ पूरे घटनाक्रम से इत्तेफाक रखते हैं। ऐसी असमंजस की स्थिति राजनीति मेें अनेक सवाल छोड़ जाती हैैं (1). क्या शरद पवार नए पैतरे सेे अनभिज्ञ हैं? (2). क्या भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस राकांपा के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार एवं साथी विधायकों को तोड़कर बहुमत साबित कर पाएंगे? शरद पवार ने जिस तरह से पावर पाॅलिटिक्स खेली उससे अगर किसी को नुकसान हुआ तो वह है शिवसेना। जबकि चुनाव नतीजों के बाद राकांंपा सुप्रीमो एक ही बात को दोहरा रहे थे कि वे विपक्ष मेें बैठेंंगे मगर जो अब तक हुआ वह किसी रहस्य से कम नहीं है। जिसकी हकीकत भाजपा व राकांपा सुुप्रीमो ही जान सकते हैं। अब पावर पालिटिक्स के दूरगामी क्या परिणाम होंंगे इस पर अभी संशय बरकरार है। मगर इतना जरुर है शिवसेना अब निकट भविष्य में जो भी दांव-पेंच खेलेगी इस घटनाक्रम से सबक लेकर ही ऊपर उठेगी।