देहरादून।, एआईसीसी के राष्ट्रीय महासचिव व असम कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत (पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड) टिहरी जल विद्युत परियोजना के निजीकरण की खिलाफ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम 11 तारीख को टी.एच.डी.सी. हैडक्वार्टर, ऋषिकेश में ''सांकेतिक उपवास'' रखने की घोषणा की थी। लेकिन 11 तारीख को उत्तराखण्ड कांग्रेस भी गाॅधी पार्क में एक विशाल धरना करने जा रही थी। जिसको देखते हुए उन्होंने अपने कार्यक्रम में बदलाव कर 14 नवम्बर यानी आज पं0 जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन की तिथि इसलिए उपयुक्त समझी, क्योंकि जिन उपक्रमों की नींव ही कांग्रेस पार्टी की सरकार में रखी गई उन उपक्रमों को भाजपा सरकार आज निजी हाथों में देने की तैयारी करने जा रही है भला ऐसे में विपक्ष कैसे चुप बैठ सकता है विपक्ष का काम ही अव्यवस्थाओं का मूल्यांकन कर सरकार को चेताना है ना कि सरकार की भाषा बोलना उसी राजधर्म का निर्वहन हरीश रावत करते देखे जा सकते हैं। वे देश-प्रदेश में चल रहे घटनाक्रम पर बराबर पैनी नजर बनाए रखते हैं और सोशल मीडिया पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से नहीं चूकते। एक राजनेता की स्वस्थ राजनीति में बने रहने का शायद इससे बेहतर कोई तरीका हो नहीं सकता। वे कांग्रेस के अतीत को याद करते हुए कहते हैं कि जिनके नेतृत्व में विकास के नए आयाम स्थापित किए, आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के जन्म दिवस से शायद ही इससे बेहतर कोई दिन होगा। देश में जो आर्थिक तबाही आ गई है, बेरोजगारी बढ़ रही है, खेती बर्बाद हो रही है, उद्योग धंधे बन्द हो रहें हैं, बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी हो रही है और पब्लिक सेक्टर, जिसको नेहरु जी ने स्थापित किया, उनको बेचा जा रहा है, उसके विरोध में कांग्रेस राष्ट्रव्यापी विरोध प्रर्दशन, धरना व सभायें करने जा रही है। इसके विरोध मेें 11 तारीख को उत्तराखण्ड कांग्रेस भी गाॅधी पार्क में एक विशाल धरना प्रदर्शन कर चुकी है। वे कहते हैं कि उन्होंने अपने सहयोगियों से परामर्श के बाद फैसला किया है कि, क्योंकि यह एक पब्लिक सेक्टर को बेचने को सवाल है, नेहरु के सपने और संकल्प व प्रयासों को बेचने का सवाल है, इसलिये 14 नवम्बर को यदि नेहरु जी को स्मरण कर उनको पुष्पांजलि अर्पित करते हुये, पब्लिक सेक्टर यूनिट टी.एच.डी.सी. को बेचने के खिलाफ, वे ऋषिकेश में सांकेतिक उपवास रखें तो यह नेहरु को याद करने का सबसे उचित तरीका होगा। इसलिये उन्होंने फैसला किया कि वे अपने साथियों के साथ आज ऋषिकेश में, उपवास पर बैठेंगे, यह उनका सांकेतिक उपवास रहेगा और इसके बाद वे अपने सभी कांग्रेस जनों के साथ मिलकर टिहरी में एक बड़ा कार्यक्रम 'टिहरी चलो' नाम से आयोजित करने जा रहें हैं आखिर वे अपनी इस सजगता से निष्क्रिय पड़े विपक्ष (कांग्रेस) को कितना जगा पाएंगे इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता पर इतना जरुर है कि उनकी चहल कदमी से ही कांग्रेस की पहचान है। क्योंकि वे इतने झंझावातों में उलझे होने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस में संजीवनी देने जैसा कार्य कर रहें हैं। अब प्रदेश कांग्रेस पर निर्भर है कि वे उनके प्रयासों रंग दे पाते हैं या नहीं।
हरीश रावत का सांकेतिक उपवास