# 'छोटी सी दुनिया चैरिटेबल ट्रस्ट' के विजय राज के कार्यों की जितनी सराहना की जाए कम ही है। अपने लिए तो सभी जीतें हैं कोई दूसरों के लिए तो जीकर देखे। विजय राज की मानवीयता के ऐसे ही अनेक अवसर गवाह बन चुकें हैं। #
देहरादून।, 'नर सेवा, नारायण सेवा' वाली कार्य पद्धति को धरातल पर उतारने वाले 'छोटी सी दुनिया चैरिटेबल ट्रस्ट' के विजय राज के कार्यों की जितनी सराहना की जाए कम ही है। विजय राज को बेसहारा /लवारिसों के मसीहा की संज्ञा दी जाए तो कोई अतिश्योक्ति न होगी। एक महिला जिसका नाम संगीता को उसके पति जितेन्द्र द्वारा 29/10/19 राजकीय दून मेडिकल काॅलेज की इमरजैंसी मे भर्ती कराया गया। उसके पति ने बताया कि संगीता ने तीन दिन पूर्व एक मृत बच्चे को जन्म दिया था जिसके बाद संगीता की हालत बिगडती चली गई हालत बिगडने पर जितेन्द्र ने उसे ॠषिकेश स्थित किसी अस्पताल में दिखाया जहां डाक्टर ने संगीता की हालत बिगड़ते देख हायर सेंटर राजकीय दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय, देहरादून रैफर कर दिया गया। संगीता के पति जितेंद्र ने ॠषिकेश में अपने परिचितों की मदद से अपनी 35 वर्षीय पत्नी संगीता को 29 अक्टूबर को सांय 4:00 बजे राजकीय दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय, देहरादून में भर्ती करवाया। जहाँ डॉ0 ने जितेन्द्र की पत्नी संगीता के शरीर मे खून की कमी होना बताया। आर्थिकी से तंगहाल जितेन्द्र के लिए पहाड़ टूटने जैसा था। जितेन्द्र की आर्थिक स्थिति को देखते हुए दून के इमरजैंसी के ई.एम.ओ का दिल पसीज गया और ब्लड बैंक से निशुल्क ब्लड की व्यवस्था देने के निर्देश दिए मगर जब तक ब्लड की व्यवस्था हुई ही थी तब तक संगीता की मृत्यु हो गई पत्नी की मृत्यु की खबर सुन जितेंद्र बहुत परेशान होने लगा उसकी परेशानी को देखते हुए स्टाफ द्वारा 'छोटी सी दुनिया चैरिटेबल ट्रस्ट एवं सामाजिक संगठन के (अध्यक्ष) विजय राज को सूचना दी गई। विजयराज के पूछने पर जितेन्द्र ने बताया कि वह बहुत ही गरीब है उसके पास अपनी पत्नी के कफन के लिए तक भी पैसे नही हैं और वह ॠषिकेश में रेलवे स्टेशन के सामने झोपडी बना कर रहता है व उसके तीन बच्चे हैं दीपावली को उसकी झुग्गी में आग लग गई थी जिस कारण उसके व उसके बच्चों के पास पहनने के लिए कपडे़ तक नहीं हैं और वह अब हरेक तरीके से टूट चुका है। अपनी पत्नी के शव को धनाभाव के कारण ॠषिकेश ले जाने मे असर्मथता जताने की पूरी व्यथा सुन कर 'छोटी सी दुनिया चैरिटेबल ट्रस्ट एवं सामाजिक संगठन के (अध्यक्ष) विजय राज ने संगठन के सभी सदस्यों से फोन पर संपर्क साधा और मदद के लिये आगे आने को बोला वहीं उनके कहने पर दून अस्पताल की इमरजेंसी के वार्ड ब्वाय संतोष कुमार की मदद से अस्पताल के स्टाफ ने भी 1500 सौ रूपये की राशि एकत्र की तथा संगठन के सदस्य नवनीत सेठी, नरेश गर्ग मुकेश शर्मा, मीनू डंडरियाल, आदित्य गर्ग एवं रोशनी गर्ग की मदद से जितेन्द्र को उसकी पत्नी के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था कराई व बच्चों के लिए पहनने के लिए गर्म कपड़े व कम्बल दिया व दाह संस्कार के लिए कुछ और नगद राशि की व्यवस्था कर जितेन्द्र को पत्नी के शव के साथ ॠषिकेश भिजवाया।
पत्नी के कफन तक को नहीं थे पैसे